दो देसी गायों की नस्लों के अंतर् को इस लेख में बताया गया है। यह दो नस्लें हैं गीर और साहीवाल। यह दोनों नस्लें इस समय पूरे भारत में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। नस्लें दोनों ही श्रेष्ठ हैं। दोनों में अपनी-अपनी खूबियां हैं। फिर अंतर बताने की क्या आवश्यकता है? सही सोच रहे हैं आप। Gir cows | Sahiwal cows |
पिछले 5 साल से हमें यह सवाल किया जा रहा है। वो इसलिए क्यूँकि हम कामधेनु गौशाला में साहीवाल नस्ल पर भी कार्य कर रहे हैं और गीर के ऊपर भी। हमने पहले इस विषय पर कभी कुछ नहीं लिखा लेकिन अब लिख सकते हैं क्यूँकि हम पिछले 12 साल से गीर को और 15 साल से साहीवाल को पाल रहें हैं। हमें जो अनुभव मिला वो आपसे साँझा कर रहे हैं।
इस लेख का मकसद किसी नस्ल को निम्न और किसी को उत्तम बताना नहीं है। जो भी इस लेख में लिखा जा रहा है वो हमारा अनुभव है।
पहला अंतर यह है कि साहीवाल पंजाब प्रांत की नस्ल है और गीर गुजरात की। गीर गायों की संख्या बहुत ज़्यादा है जबकि साहीवाल गायों की संख्या कम है। साहीवाल का रंग लाल-भूरा (pale yellow, Tan red or brownish) होता है जबकि गीर का रंग कई प्रकार का होता है। गीर साहीवाल के रंग जैसी भी होती हैं और चितकबरी, सफेद, भूरी, आदि कई रंगों में होती है। साहीवाल का रंग हमेशा एक ही रहता है, रंग लाल-भूरा ही होता है लेकिन उसमें हल्का फीका और गाढ़ा हो सकता है।
गीर के सींग बड़े | Gir Cows |
साहीवाल गायों के सींग बहुत छोटे होते हैं। कई बार यह इंसानी ऊँगली से थोड़े बड़े या हाथ जितने ही होते हैं। जबकि गीर के सींग बहुत ही बड़े होते हैं। गीर के सींगों का आकार बड़ा तो होता ही है और उसके साथ-साथ इनके सींग अलग-अलग तरह से बढ़ते हैं। यह सारा जीवन बढ़ते ही रहते हैं। साहीवाल के सींग कुछ समय तक बढ़ते हैं बाद में उतने ही रहते हैं।
गीर के बड़े सींग की समस्या | Gir Cows |
सींगों की बात करूँ तो गीर में सींग कई बार बहुत बड़ी समस्या बन जाते हैं। इसका कारण यह है कि गीर गायों एवं नंदिओं में सींग कानों को नीचे दबाकर निकलते हैं। कान और सींगों के बीच के हिस्से को हवा नहीं मिलती। वहां धीरे-धीरे जख्म हो जाते हैं। जगह इतनी तंग होती है कि वहां दवाई लगाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। गायें अपने पैरों से सींगो को खुजलाती रहती हैं।
गीर के सींगों को काटना पीड़ादायक
ज़ख्म जब ज़्यादा हो जाते हैं तो कई बार सींगों को काटना पड़ता है, यह बहुत पीड़ादायक होता है। गीर नस्ल के सींगों का भार भी बहुत अधिक होता है। कुदरत ने गुजरात की गीर और वहां की जाफराबादी भैंसों के सींगों की बनावट ऐसी बनाई है। लेकिन साहीवाल में सींग बहुत छोटे होने के कारण किसी प्रकार की कोई समस्य नहीं पैदा करते। छोटे होने के कारण ज़्यादातर साहीवाल के सींगों को Dehorn कर दिया जाता है।
आकार और भार
अब बात करते हैं गीर गायों के आकार और भार की। गीर गायों का Size साहीवाल के मुक़ाबले दुगना अथवा डेढ़ गुना होता है। गुजरात की जाफराबादी भैंसों का Size भी दूसरे राज्यों की भैंसों की नस्लों से ज़्यादा बड़ा होता है। साहीवाल छोटे आकार की होती है। जितना Size बड़ा होगा उतना fodder intake (चारा) ज़्यादा होगा।
गीर का सिर बड़ा साहीवाल का छोटा | Gir Cows |
गीर गायों का सिर साहीवाल गायों से काफी बड़ा होता है। यह ऊपर से गोल होता है। तसले को उल्टा कर दिया जाये तो गीर गायों का सिर वैसा दिखता है। साहीवाल का सिर दूसरी नस्लों जैसे हरियाणा, थारपारकर, राठी, गंगातीरी, रेड सिंधी आदि नस्लों के जैसा होता है। सिर्फ गीर ही ऐसी नस्ल है जिसका सिर दूसरी किसी भी नस्ल से मिलता नहीं है। साहीवाल का मुख छोटा होता है। गीर का मुख लंबा और size में बड़ा होता है। दो प्रमुख लक्षण गीर और साहीवाल में यही है सींग और सिर का आकार।
आँखों का अंतर
अब बात करते हैं आँखों की। साहीवाल की ऑंखें हिरण की आँखों जैसी सुंदर होती हैं। आँखों के साथ-साथ एक काली रंग की धार होती है। वो काली धारी ऐसे होती है जैसे किसी ने साहीवाल की आँखों में सुरमा डाला हो। गीर की ऑंखें हमेशा बंद सी होती हैं। उसका यह ब्रीड करैक्टर (Breed Character) ही माना जाता है कि जितनी उसकी ऑंखें बंद होंगी उतनी वो शुद्ध गीर होगी। आप कभी भी गीर की आँखों को पूरा खुला हुआ नहीं देख सकते। गीर गायों की आँखों में पानी बहने की समस्या भी अक्सर देखी जाती है।
कान का अंतर
गीर गायों के कान सभी देसी गायों की नस्लों से अलग प्रकार के होते हैं। इनके कान बकरी के कानों की तरह नीचे झूलते हैं। कान अंदर से ऐसे मुड़े होते हैं जैसे कोई रोटी को मरोड़ देता है। भारत की दूसरी सभी देसी गायों की नस्लों से इनके कान किसी नस्ल से नहीं मिलते। गीर गायों के कानों में हवा का संचार बहुत कम होता है। कई बार इनमें भी ज़ख्म हो जाते हैं। इसके विपरीत साहीवाल के कान थोड़े से मुड़े होते हैं। इनमें हवा का संचार अच्छे से होता है।
दूध का अंतर | Gir Cows |
दूध देने की क्षमता की बात की जाये तो साहीवाल गायों की दूध देने की क्षमता गीर गायों से अधिक होती है। साहीवाल नस्ल की गायें 25 किलोग्राम तक भी दूध दे देती हैं। जबकि गीर में 15 से लेकर 20 किलोग्राम तक दूध देने वाली गायों को देखा गया है। हालाँकि गीर गायों का size साहीवाल के मुक़ाबले दुगना होता है। लेकिन छोटे आकार की होने के बावजूद भी साहीवाल गायें गीर से ज्यादा दूध देने की क्षमता रखती हैं।
फैट (Fat) का अंतर
अगर हम दूध के साथ-साथ फैट की भी बात करें तो साहीवाल के दूध की फैट भैंस के दूध के बराबर चली जाती है। कई बार साहीवाल के दूध की फैट 6 और 9 तक भी चली जाती है।
स्वभाव का अंतर
स्वभाव की बात की जाये तो गीर और साहीवाल का स्वभाव विनम्र होता है। गीर के मुक़ाबले साहीवाल इंसानों से जल्दी अपनापन बना लेती हैं। हालाँकि गीर थोड़ा शर्माती है। अक्सर गीर गायों या नंदिओं के सिर और सींगों का आकार देखकर व्यक्ति उनके पास जाने से डरता है लेकिन वो विनम्र होती हैं।
गीर के ताक़तवर नंदी | Gir Cows |
अगर हल जोतने की बात की जाये तो गीर नस्ल के नंदी खेतों में अच्छे से हल चलाने का अनुभव रखते हैं। लेकिन साहीवाल के नंदी खेतों में हल जोतने में आलसी माने जाते हैं। अगर परिवहन में प्रयोग किया जाये तो साहीवाल के नंदी ठीक कार्य दे देते हैं।
सर्दी गर्मी बर्दाश्त करने का अंतर
साहीवाल गायों की चमड़ी मोटी होती है। यही कारण है कि साहीवाल गर्मी के साथ-साथ सर्दी को बर्दाश्त करने की भी भरपूर क्षमता रखती हैं। जबकि गीर गायों की गर्मी को बर्दाश्त करने की तो बहुत अच्छी क्षमता होती है लेकिन सर्दी में यह ठंड महसूस करती हैं। पंजाब में गुजरात के मुक़ाबले ठण्ड बहुत ज़्यादा पड़ती है। लेकिन साहीवाल सर्दी बहुत अच्छे से सह जाती हैं। सर्दी में गीर गायों की विशेष देखभाल रखनी पड़ती है।
यह कुछ अंतर आपने पढ़े। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो सबके साथ शेयर करें। धन्यवाद
आपने गिर और साहीवाल में अच्छा अंतर बताया
Thanks Rohit
if possible share this article with others.
Namaste swamy ji,. can you please share in English every one are not fluent in Hindi. please don’t mind my third language was hindi and i can speak well not read so.
Namaskar Prem kumar
please post this hindi matter in google translate. you can read in English in few seconds.
सही और सटिक जानकारी देने के लिये स्वामीजी का धन्यवाद।
हम आशाकरते है की सदैव आपका मार्गदर्शन ऐसाही मिलता रहे।
Thanks Kaustubh dive
please share with others
Jmjki 🙏
Bahot sunder tarike se samajaya importance , dono nashle sarvottam he .
Thanks Ruhani joshi ji
please share with others