गुमनाम होती देसी गायों की नस्ल- राठी

Rathi Cows

देसी गायों की नस्ल- राठी (Rathi Cows)


देसी गायों की नस्ल राठी (Rathi Cows) को अगर आप नहीं जानते तो अवश्य जान लें। यह बहुत ही सुंदर एवं दुधारू नस्ल है। दुर्भाग्य की बात यह है कि अंग्रेजी गायों के शोर-शराबे में हम देसी गायों (Desi Cows) की अहम नस्लों के बारे में भूलते जा रहे हैं। गुमनाम होती जा रही यह नस्लें हमें प्रश्नसूचक दृष्टि से देख रही हैं। देसी गायों की ऐसी और भी कई नस्लें हैं जो अपना अस्तित्व बचाने के लिए प्रयास में लगी हुई हैं। हज़ारों सालों में कुदरती तौर पर पैदा हुई इन नस्लों में अद्भुत गुण पाए जाते हैं। यह इंसान द्वारा लैबोर्टरी में तैयार नहीं की गई हैं। इन्हें ईश्वर ने बनाया है। यह हज़ारों साल पहले भारत भूमि पर पैदा हुई और पली-बढ़ी हैं। यह नस्लें हमारे लिए वरदान हैं।

राठी गायों का मूल स्थान- राजिस्थान (Rathi Cows)

राठी नस्ल का मूल क्षेत्र (Rathi cow origin) राजिस्थान (Rajasthan) है। दिखने में यह चितकबरे रंग की होती है। इसकी कद-काठी साहीवाल गायों (Sahiwal Cow) जैसी होती है लेकिन इसका रंग गीर एवं डांगी नस्ल की गायों जैसा होता है। बीकानेर से सूरतगढ़ जाते समय एक जगह आती है लूणकरसर। यह राठी गायों का मूल स्थान है। इन गायों को गौपालक झुँड में रखते हैं। यह खानाबदोशों की तरह सारा दिन कई किलोमीटर तक चलती रहती हैं। इनमें भीषण गर्मी बर्दाश्त करने की कमाल की शक्ति होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि रुखा-सूखा खाने, गर्मी में कई किलोमीटर तक चलने के बाद भी यह 10 से लेकर 20 लीटर दूध एक दिन (rathi cow milk per day) में देने की क्षमता रखती हैं। जो लोग इस नस्ल को पालते हैं उन्हें ‘राठ’ बोला जाता है। आज से 10 साल पहले ऐसी चितकबरी राठी गायों के झुंड आम ही देखने को मिलते थे लेकिन आज इनकी संख्या बहुत ही कम रह गई है। कभी इनका हज़ारों किलोमीटर तक साम्राज्य था लेकिन आज यह छोटे से क्षेत्र में सिकुड़ कर रह गई हैं।

क्यों सिकुड़ती जा रही है राठी नस्ल( Rathi Breeds ) -

राठी नस्ल (Rathi cow breed) दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। इसका पहला कारण यह है कि देसी गायों का प्रचार प्रसार होने के कारण अच्छी-अच्छी राठी गायें दूर के क्षेत्रों में चली गई। दूसरा कारण यह है कि राठी नस्ल के नंदिओं की कमी के कारण यह नस्ल और पैदा नहीं हो रही। गौपालकों को राठी नस्ल के महत्त्व के बारे में बताने की आवश्यकता है। यह कार्य कामधेनु गौशाला ( Kamdhenu Gaushala) अलग-अलग तरीकों से समझा रही है।  इस नस्ल को बचाने के लिए दिल्ली दिव्य धाम आश्रम कामधेनु गौशाला में राठी नस्ल का संरक्षण किया जा रहा है।

राठी नंदी न हुआ तो यह नस्ल लुप्त हो जाएगी-

किसी नस्ल को बचाने के लिए सबसे अहम बात होती है उस नस्ल के श्रेष्ठ नंदिओं का चुनाव करना। राठी नस्ल के नंदी (Rathi Bulls) वैसे तो बीकानेर की तरफ सड़कों पर देखने को आम ही मिल जाते हैं लेकिन उनके माँ- बाप की पहचान न होने के कारण उन्हें नस्ल सुधार के लिए प्रयोग नहीं किया जा सकता। कामधेनु गौशला में उपस्थित राठी गायों के लिए राठी नस्ल के नंदी की खोज कई सालों से चल रही थी। लेकिन वंशावली वाला नंदी नहीं मिल रहा था। काफी प्रयास करने के बाद हमें राठी नस्ल (Rathi Cow) के दो नंदी मिल गए हैं जिनमें से एक ने सीमेन देना भी शुरू कर दिया है। यह दो नंदी राठी नस्ल की गायों को संरक्षित करने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। 

यह नंदी कैसे ढूंढे गए इसकी पूरी जानकारी आपको इस वीडियो में मिल जाएगी- https://www.youtube.com/watch?v=FZTr8kDLyj0&t=47s

राठी को बचाने के लिए सरकारों के प्रयास

राजिस्थान के बीकानेर और नोहर में सरकार (Rathi cow breeding Centre) के द्वारा भी इस नस्ल को बचाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन राठी को बचाने के लिए और गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है। राठी नस्ल भारत की विरासत है। इसको बचाना हमारा कर्तव्य है। अगर हम राठी नस्ल की चुनिंदा गायों को एक जगह पर रखकर उनका अच्छे नंदिओं से संवर्धन करेंगे तो कुछ सालों में ही संतोषजनक परिणाम देखने को मिलेंगे। सबसे पहले तो इस नस्ल की संख्या को बढ़ाने की जरुरत है। संख्या के साथ-साथ इसकी गुणवत्ता बढ़ाने पर भी काम करते रहना चाहिए। ज़्यादातर लोगो की बस इतनी कोशिश होती है कि गाय गाबिन हो जाये और दूध देने लगे। उन्हें इस बात की चिंता नहीं होती है गाय ने जो बछड़ा या बछड़ी दी है वो नस्ल की है भी कि नहीं? हम सिर्फ वर्तमान को ही न देखें , हो सके तो भविष्य का निर्माण भी करें। 

बीकानेर की मिठाई में किसकी मिठास

बीकानेर दुनियाँ में अपनी मिठाईओं और नमकीन के लिए मशहूर है। यहाँ जो मिठाइयाँ बनती है उनमें राठी गायों (Rathi Cows) का दूध ही प्रयोग में लाया जाता है। यही कारण है कि बीकानेर की मिठाइयाँ इतनी स्वादिष्ट होती हैं।

आएं इस सूंदर राठी नस्ल को बचाए। जिनके पास भी राठी गायें (Rathi Cows) हैं वो कृपया एक मंच पर आएं। आप इस ब्लॉग में कमेंट करके हमें बता सकते हैं कि आपके पास कितनी राठी गायें (Rathi Cows) हैं। अगर हो सके तो अपनी गायों की अच्छी सी तस्वीरें हमें इस ईमेल id पर मेल करें-

kgsg.kamdhenu@gmail.com

कामधेनु गौशाला सायर जेनेटिक्स KGSG में राठी नंदी का सीमेन तैयार किया जा रहा है। राठी नंदी का सीमेन लेने के लिए आप निम्नलिखित संपर्क सूत्रों पर बात कर सकते हैं-

7087018920

9592147300

आपका सहयोग हमें जरूर मिलेगा ऐसी हम आशा करते हैं।

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